मंदिरो में गुम्बद क्यों बनाते है
वास्तु शास्त्र की दृष्टि से ध्वनि विज्ञान के सिद्धांत से गुम्बद एक महत्पूर्ण स्थान है । देवताओं की प्रतिमाओ के समक्ष बैठकर पूजा करते समय साधक के मुख से उच्चारित ध्वनि गुम्बद से टकरा कर घूमती है जिसके कारण मन्त्र शक्ति केन्द्रीभूत होकर देव प्रतिमाओं को स्पर्श करती है और जागृत होकर देव प्रतिमाओं साधक को उसकी इच्छानुसार फल प्रदान कराती है । गुम्बद का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह महत्व है की उस पर आंधी, तूफान, बिजली और वर्षा का प्रभाव बहुत कम पड़ता है जिससे पूजा का स्थान अधिक समय तक सुरक्षित रहता है ।हथेली का दर्शन क्यों करते है
आप में से बहुत से लोगो ने देखा होगा की हमारे बड़े बजुर्ग शुबह उठते ही अपने हथेली का दर्शन करते है परन्तु हम में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो इस बात का सही कारण जानते होंगे। आज हम इसका कारण जानते है । हाथ के अग्र ( आगे ) भाग में लक्ष्मी निवास करती है , हाथ के मध्य में सरस्वती और मूल में गोविन्द भगवन का निवास होता है इसलिए प्रातः काल का दर्शन करना चाहिए और जीवन में धन, ज्ञान एंव ईश्वर को प्राप्त करना मानव के हाथ में है इस विषय में कहा गया है ।
कराग्रे वसति लक्ष्मी:, कर मध्ये सरस्वती ।
करमूले तू गोविन्द, प्रभाते कर दर्शनम ।।
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