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Sunday 17 December 2017

जीवन में चार गुण अपना लोगे तो सदा बनी रहेगी माता लक्ष्मी की कृपा


माता लक्ष्मी धन की देवी है । सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्रापति के लिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद होना आती आवशयक है । इसलिए माता हर व्यक्ति माता लक्ष्मी को खुस करने के लिए बहुत उपाए , पूजा पाठ ,हवन इत्यादि करता है । मन जाता है की माता लक्ष्मी का जनम समुन्दर मंथन के दौरान हुआ था । जब माता लक्ष्मी प्रकट हुई तो देव और असुर दोनों ही जानते थे की भौतिक सुख के लिए माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है और दोनों ही माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश करने लगे । परन्तु माता लक्ष्मी ने जैसे ही भगवान विष्णु को देखा तो वो उनकी तरफ आकर्षित हो गई और उन्होंने माता लक्ष्मी को अपना पति स्वीकार लिया । आज हम आपको शास्त्रों में बताये गए उन चार गुणों का वर्णन करेंगे जिनको अपना कर आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते है और उनकी की कृपा आप पर सदा बानी रह सकती है । ये पुरषोत्तम के चार गुण है ।
  • धर्म
  • अर्थ
  • काम
  • मोक्ष


धर्म : धर्म का अर्थ है समाज और लोक कल्याण के कार्य करने के लाइट प्रतिबद्ध रहना । दुसरो की मदद करना ही मनुष्य धर्म है । हमे हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए अपने धर्म के मार्ग से कभी भी मुँह नहीं मोड़ना चाहिए किसी के भी ऊपर कोई परेशानी हो तो उसकी मदद करने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए और अधर्म और दुसरो को कष्ट देने वालो का सदा विरोध करना चाहिए ।
अर्थ : अर्थ का मतलब है संसार से अलग होकर के बह सांसारिक कार्य करना और भौतिक चीज़ो की प्राप्ति के लिए सदा कर्म करते रहना अपने परिवार व् समाज के लिए । प्रकृति को चलाने के लिए हमारा कर्म करना अति आवश्यक है
काम : काम अर्थ है प्रेम । हमारे मन में सृष्टि के सभी जीवो के प्रति प्रेम भाव और लगाव होना चाहिए । जिस मनुष्य के मैं पे ये भावना नहीं है वो कभी नहीं परम् सुख के अनुभूति नहीं कर सकता ।
मोक्ष : ये सबसे अंतिम पड़ाव है । मोक्ष के प्राप्ति तभी हो सकती है जब हम अपने अंदर के "main" और "मेरा" के भाव को ख़तम कर देते है ।अहंकार का त्याग कर देते है । मोक्ष का मतलब है खुद का एक आत्मा के रूप में जान लेना जो अपने आप को आत्मा के रूप में जान लेता है और परमात्मा को समर्पित कर देता है उसे मोक्ष की प्रापति होती है ।



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