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Thursday 28 December 2017

मंदिरो में गुम्बद क्यों बनाते है

                                             मंदिरो में गुम्बद क्यों बनाते है 

वास्तु शास्त्र की दृष्टि से ध्वनि विज्ञान के सिद्धांत से गुम्बद एक महत्पूर्ण स्थान है । देवताओं की प्रतिमाओ के समक्ष बैठकर पूजा करते समय साधक के मुख से उच्चारित ध्वनि गुम्बद से टकरा कर घूमती है जिसके कारण मन्त्र शक्ति केन्द्रीभूत होकर देव प्रतिमाओं को स्पर्श करती है और जागृत होकर देव प्रतिमाओं साधक को उसकी इच्छानुसार फल प्रदान कराती है । गुम्बद का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह महत्व है की उस पर आंधी, तूफान, बिजली और वर्षा का प्रभाव बहुत कम पड़ता है जिससे पूजा का स्थान अधिक समय तक सुरक्षित रहता है ।
हथेली का दर्शन क्यों करते है 
आप में से बहुत से लोगो ने देखा होगा की हमारे बड़े बजुर्ग शुबह उठते ही अपने हथेली का दर्शन करते है परन्तु हम में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो इस बात का सही कारण जानते होंगे। आज हम इसका कारण जानते है । हाथ के अग्र ( आगे ) भाग में लक्ष्मी निवास करती है , हाथ के मध्य में सरस्वती और मूल में गोविन्द भगवन का निवास होता है इसलिए प्रातः काल का दर्शन करना चाहिए और जीवन में धन, ज्ञान एंव ईश्वर को प्राप्त करना मानव के हाथ में है इस विषय में कहा गया है ।
                                               कराग्रे वसति लक्ष्मी:, कर मध्ये सरस्वती ।
                                               करमूले तू गोविन्द, प्रभाते कर दर्शनम ।।
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Saturday 23 December 2017

इन 4 राशि चिन्हों के पुरुष महिलाओं के लिए 'आकर्षक' हैं


इन 4 राशि चिन्हों के पुरुष महिलाओं के लिए 'आकर्षक' हैं

ज्योतिष के माध्यम से सटीक अध्ययन के आधार पर, हम अपनी व्यक्तित्व विशेषता, वास्तविक प्रकृति, पसंद-नापसंद, भविष्य-प्रेम, करियर, रिश्ते, धन आदि को प्रदर्शित कर सकते हैं।
महिलाओं के लिए सही सूची
हमारी सूची में बनी हुई सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस ग्रह पर हमारे संपूर्ण मिलान का पता लगाना है। हालांकि, हममें से कुछ अपनी आत्मा को खोजने के लिए सपना करते हैं, अन्य को एक संगत जीवन साथी की इच्छा है और कुछ ही विपरीत लिंग से निरंतर ध्यान रखना चाहते हैं।


ज्योतिष और प्रेम संगतता

और यही वह जगह है जहां ज्योतिष एक बड़ी मदद के रूप में आता है। यह एक चिकनी या खट्टा संबंध में रहें, लेकिन एक समय पर हर आदमी जानना चाहता था कि क्या उसकी महिला वास्तव में आकर्षित हो रही है या नहीं; ईमानदार हो।
कौन सा राशि चक्र महिलाओं को आकर्षित करती है?

आज, हमने 4 राशि चिन्हों की एक सूची संकलित की है जो कि महिलाओं के लिए सर्वाधिक आकर्षित होती हैं ...

मिथुन राशि:

आप भाग्यशाली लोग आपको अपना ध्यान आकर्षित करने के लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है, आपका आकर्षक व्यक्तित्व आपके लिए यह करता है मिथुन पुरुषों स्पष्ट हैं, जो महिलाओं को तुरन्त आकर्षित करते हैं मिथुन अपनी प्रकृति के साथ बहुत नरम और रोमांटिक है जिसके कारण लड़कियां उन पर जल्दबाजी कर रही हैं। इस राशि का पुरुष लड़कियों से बात करने के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। मिथुन राशि राशि बहुत ही भावुक होती है। लड़कियां लड़कों की बहुत पसंद करती हैं जो भावुक होते हैं लड़की के दिल को समझने की क्षमता अधिक है इसलिए, मिथुन राशि चक्र को जन्म देने वाली किसी भी लड़की को बहुत दिल मिलता है

सिंह:

सिंह के लोग दिल के बहुत अच्छे हैं और उनके संबंध हैं। और वे प्रकृति से रोमांटिक हैं लड़कियां उनके साथ इश्कबाज करने के लिए शर्मिंदा नहीं हैं। इस राशि चक्र के लड़के बहुत प्रभावशाली हैं लेकिन कुछ लोग केवल अपने हृदय की संवेदनशीलता को जानते हैं। वे सौहार्दपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और प्रकृति में बहुत अच्छे हैं। इन गुणों की लड़कियों की सराहना की जाती है और वे उनकी लत बन जाते हैं। शेर राशि चक्र की पहली नजर में किसी भी लड़की को आकर्षित करने की क्षमता रखने के। और वे भी उदार और भावुक हैं उनकी आदत ने उन्हें पसंदीदा लड़कियों बना दिया और उनके दिल जीत लिया।


तुला

तुला राशि राशि की आंखों में एक अजीब आदमी है। जिसकी खूबसूरत लड़की को उनके प्रति जल्दी आकर्षित किया जाता है उनकी शैली दूसरों से अलग है इस राशि वाले लड़कों को एक ही समय में कई अक्षर मिलते हैं। उनके लिए प्यार एक गहरी भावना है। प्रेम और कर्तव्य के संतुलन को बनाए रखने के लिए, इसमें बहुत सोच होती है और कदम उठाए जाते हैं। हालांकि वे प्रकृति में बहुत शर्मीली और स्वयं विनाशकारी हैं, लेकिन अगर एक लड़की उनके साथ कुछ समय बिताती है, तो वह अपनी गर्लफ्रेंड बनने से इनकार नहीं करती।


मकर राशि

मकर लोगों को दिखने वाले विभाग में आशीर्वाद दिया जाता है, इसलिए यह एक कारण है, क्यों महिलाओं को वे क्या देखते हैं। इस राशि चक्र के लोग सुंदर हैं और किसी को प्रभावित करने के लिए उन्हें महारत हासिल है। उनकी शैली, उनकी कहावत बोलना इतना अलग है कि लड़कियों ने उन्हें खुद को दिया। ये वे हैं जो स्वयं के बारे में खुश हैं वे आकर्षक व्यक्तित्व में समृद्ध हैं इस राशि चक्र के लड़के भी बहुत सक्रिय और स्मार्ट हैं लड़कियां उन लड़कों और लड़कियों के साथ दोस्त बनना पसंद करती हैं, जो उन पर बहुत हँसते हैं।
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Sunday 17 December 2017

जीवन में चार गुण अपना लोगे तो सदा बनी रहेगी माता लक्ष्मी की कृपा


माता लक्ष्मी धन की देवी है । सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्रापति के लिए माता लक्ष्मी का आशीर्वाद होना आती आवशयक है । इसलिए माता हर व्यक्ति माता लक्ष्मी को खुस करने के लिए बहुत उपाए , पूजा पाठ ,हवन इत्यादि करता है । मन जाता है की माता लक्ष्मी का जनम समुन्दर मंथन के दौरान हुआ था । जब माता लक्ष्मी प्रकट हुई तो देव और असुर दोनों ही जानते थे की भौतिक सुख के लिए माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है और दोनों ही माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कोशिश करने लगे । परन्तु माता लक्ष्मी ने जैसे ही भगवान विष्णु को देखा तो वो उनकी तरफ आकर्षित हो गई और उन्होंने माता लक्ष्मी को अपना पति स्वीकार लिया । आज हम आपको शास्त्रों में बताये गए उन चार गुणों का वर्णन करेंगे जिनको अपना कर आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते है और उनकी की कृपा आप पर सदा बानी रह सकती है । ये पुरषोत्तम के चार गुण है ।
  • धर्म
  • अर्थ
  • काम
  • मोक्ष


धर्म : धर्म का अर्थ है समाज और लोक कल्याण के कार्य करने के लाइट प्रतिबद्ध रहना । दुसरो की मदद करना ही मनुष्य धर्म है । हमे हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए अपने धर्म के मार्ग से कभी भी मुँह नहीं मोड़ना चाहिए किसी के भी ऊपर कोई परेशानी हो तो उसकी मदद करने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए और अधर्म और दुसरो को कष्ट देने वालो का सदा विरोध करना चाहिए ।
अर्थ : अर्थ का मतलब है संसार से अलग होकर के बह सांसारिक कार्य करना और भौतिक चीज़ो की प्राप्ति के लिए सदा कर्म करते रहना अपने परिवार व् समाज के लिए । प्रकृति को चलाने के लिए हमारा कर्म करना अति आवश्यक है
काम : काम अर्थ है प्रेम । हमारे मन में सृष्टि के सभी जीवो के प्रति प्रेम भाव और लगाव होना चाहिए । जिस मनुष्य के मैं पे ये भावना नहीं है वो कभी नहीं परम् सुख के अनुभूति नहीं कर सकता ।
मोक्ष : ये सबसे अंतिम पड़ाव है । मोक्ष के प्राप्ति तभी हो सकती है जब हम अपने अंदर के "main" और "मेरा" के भाव को ख़तम कर देते है ।अहंकार का त्याग कर देते है । मोक्ष का मतलब है खुद का एक आत्मा के रूप में जान लेना जो अपने आप को आत्मा के रूप में जान लेता है और परमात्मा को समर्पित कर देता है उसे मोक्ष की प्रापति होती है ।



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